मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
O Lord, Any time the Deities humbly sought your guidance, you Shiv chaisa kindly and graciously uprooted all their Challenges. You blessed the Deities with the generous assistance once the Demon Tarak outraged them therefore you destroyed him.
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
On Trayodashi (13th working day with the darkish and vivid fortnights) one particular need to invite a pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. shiv chalisa lyricsl Individuals who rapidly and pray to Lord Shiva on Trayodashi shiv chalisa lyricsl are always healthy and prosperous.
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥